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तोता हाज़िर हो!



अदालत में तोते, बाज़ार से सामान मंगवाने वाले तोते और हत्या के गवाह तोते…!

कुछ दिन पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में तेरह तोते पेश किए गए। अदालत में पशु-पक्षी पेश होने के मामले विरले ही होते हैं और यह ऐसा ही मामला था। एक उज़बेक नागरिक इन्हें चोरी-छुपे ताशकंद ले जाने का प्रयास करते हुए इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर धराया था और बरामद माल के तौर पर इन तोतों को कोर्ट में पेश किया जाना लाज़िमी था। बताते हैं कि जज साहब ने तोतों से यूँही पूछ भी लिया कि आप लोगों को कहाँ ले जाया जा रहा था। इस पर बंद बक्सों से बरामद थके-मांदे तोते चुप ही रहे…।
यूँ तोते चुप रहने के लिए नहीं जाने जाते। टैं-टैं तो इनकी चोंच पर सदा बैठी ही रहती है, साथ ही इनकी ख्याति ही मुख्य रूप से इस बात के लिए है कि ये इंसानी बोली की ज़बर्दस्त मिमिक्री कर लेते हैं। एक समय अनेक घरों में छोटे पिंजरे लटकते पाए जाते थे, जिनमें पालतू तोता आने-जाने वालों के आकर्षण का केंद्र हुआ करता था। अब पशु क्रूरता के प्रति जागरूकता के चलते या फिर किसी और वजह से यह चलन काफी कम हो गया है। जो भी हो, तोतों का बातुनीपन हमेशा से लोगों को आकृष्ट करता आया है और यही इन्हें पालने की मुख्य वजह भी रहती आई है। मगर इनका यही बातुनी मिज़ाज़ कभी-कभी मुसीबत भी खड़ी कर देता है। पिछले साल खबर पढ़ी थी कि ब्रिटेन में एक पालतू तोते को अपनी मालकिन के वॉइस एक्टिवेटेड पर्सनल असिस्टेंट एलेक्सा से बात कर उससे बाज़ार से चीज़ें मंगवाने की आदत पड़ गई थी। रॉको नामक यह तोता परिवार के सदस्यों को ऐसा करते सुनता था और वह भी नकल करने लगा। उसने तरबूज़, किशमिश, ब्रॉकली, आइसक्रीम के अलावा बिजली के बल्ब और पतंग तक का ऑर्डर दे डाला था। गनीमत थी कि उसकी मालकिन ने डिवाइस पर पैरेंटल कंट्रोल लॉक लगा रखा था, जिसकी वजह से रॉको का कोई भी ऑर्डर डिलिवर नहीं हुआ।
बचपन में पढ़ीं टिनटिन कॉमिक्स की एक कहानी यहाँ याद आ रही है। एक ऐतिहासिक महत्व की कलाकृति चोरी हो जाती है और उसकी जगह नकली कलाकृति रख दी जाती है। नकली कलाकृति बनाने वाले काष्ठकार की हत्या हो जाती है और इस हत्या का एकमात्र चश्मदीद गवाह है उसका पालतू तोता। असली कलाकृति की तलाश कर रहे नायक और खलनायक बारी-बारी से तोते से हत्यारे का नाम उगलवाने के भरसक प्रयास करते हैं मगर सब व्यर्थ। तोता दुनिया भर की बकबक करता है लेकिन खूनी का नाम नहीं उगलता। आखिरकार एक खलनायक झल्लाकर तोते पर अपनी पिस्तौल तान देता है। तब तोता अचानक वह वाक्य दोहरा देता है, जो उसके मालिक ने उसी स्थिति का सामना करते हुए कहा था, रॉडरीगो तोर्तिया, यूव किल्ड मी!”  और इस प्रकार हत्यारे का नाम तोते की बदौलत सामने आ जाता है…!

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