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Showing posts from January, 2025

इतिहास है या नायक-खलनायक की कहानी?

जब हम ऐतिहासिक किरदारों को काले-सफेद में विभाजित करके देखते हैं तो इतिहास को गल्प की श्रेणी में ला खड़ा करते हैं। इतिहास के साथ इससे बड़ा कोई अन्याय नहीं हो सकता। जब हम इतिहास को नायक और खलनायक की कहानी के रूप में देखते हैं, तो समस्या उठ खड़ी हो जाती है। कारण यह कि हम जिसे अपना नायक मान लेते हैं, उसकी एक सुपरहीरो-सी छवि मन में बना लेते हैं। फिर हम उसके बारे में सिर्फ भला-भला ही सोचना, सुनना और पढ़ना चाहते हैं। हमारी कल्पनाओं में वह तमाम सद्गुणों की खान होता है। हमारी गढ़ी गई इस छवि के विपरीत कोई बात सामने लाई जाए तो हमारी भावनाएं आहत हो जाती हैं। वहीं जिसे हम खलनायक मानते हैं, उसमें सिर्फ और सिर्फ बुराइयां ही देखना चाहते हैं। कोई उसके व्यक्तित्व या कृतित्व के किसी सकारात्मक पक्ष को सामने रखे, तो हम उसे खारिज कर देते हैं। जबकि सच तो यह है कि इतिहास आपके-हमारे जैसे इंसानों की ही दास्तान है। हमारी तरह उनके व्यक्तित्व में भी अच्छाई-बुराई दोनों का समावेश था। उनमें खूबियां थीं, तो कमज़ोरियां भी थीं। उन्होंने अच्छे काम किए, तो कभी गलतियां भी की। परफेक्ट हीरो या परफेक्ट विलेन किस्से-कहानियों म...