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Showing posts from May, 2022

स्मृतियों पर सवार स्वाद

जहाँ स्वाद स्मृतियों के तार झंकृत कर जाता है , वहीं स्मृतियाँ भी कभी-कभी मुँह को स्वाद दे जाती हैं। जब भी कुछ चटपटा खाने को मन करता है , तो घर से कुछ ही दूरी पर स्थित दुकान का रुख किया जाता है और वहाँ से समोसे , कचोरी , खमण आदि लाए जाते हैं। ऐसे ही एक दिन खमण लेने गया , तो दुकानदार ने बताया कि “नॉर्मल” खमण तो खत्म हो गया , चावल वाला सफेद खमण है , वह चलेगा ? मैंने हामी भर दी। यह सफेद खमण देखा तो कई बार था मगर चखा कभी नहीं था। घर आकर जब इसका पहला निवाला मुँह में रखा , तो इसका स्वाद कुछ जाना-पहचाना-सा लगा। अगले ही पल मैं बोल पड़ा , “ अरे , इसका स्वाद तो काफी कुछ सांधरा जैसा है!” दरअसल सांधरा एक परंपरागत पारसी डिश है , जो चावल के आटे आदि में ताड़ी डालकर , उसे रात भर फर्मेंट करने के बाद भाप में पकाकर तैयार की जाती है। यूँ है तो यह एक प्रकार की मिठाई लेकिन चावल का आटा , फर्मेंटेशन और भाप में पकाने जैसी समानताओं के चलते कोई आश्चर्य नहीं कि चावल के खमण का स्वाद इससे मिलता-जुलता-सा लगता है। आश्चर्य की बात तो यह थी कि मैंने सांधरा जीवन में दो-एक बार ही खाया है और इसे आखिरी बार खाए कम से कम चा