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Showing posts from March, 2022

अरे, ये होली किसने जला दी!

लोग घरों से बाहर निकल रहे थे और जलती हुई होली को हैरत से देख रहे थे। एक-दूसरे से पूछ रहे थे, “ आठ तो अभी नहीं बजे, होली कैसे जल गई ? किसने जला दी ? क्यों… ? कैसे… ?”   उस समय मेरी उम्र थी कोई दस-साढ़े दस साल। हम लोग रतलाम में रहते थे। होली आने को थी, तो कॉलोनी के भैया लोगों ने तय किया कि इस साल हम भी अपनी कॉलोनी में सार्वजनिक होलिका दहन का आयोजन करेंगे। भैया लोग याने उम्र में मुझसे कुछ साल बड़े लड़के, जिनकी नई-नई फूट रही दाढ़ी-मुंछ उन्हें बड़ों की-सी ज़िम्मेदारी उठाने को उत्प्रेरित कर रही थी। तो भैया लोग घर-घर जाकर चंदा जमा करने लगे। कॉलोनीवासियों ने भरपूर सहयोग किया और अच्छा-खासा चंदा जमा हो गया। भैया लोग लकड़ी, कंडे वगैरह खरीद लाए। सजावट, लाइटिंग आदि की भी व्यवस्था कर दी। फिर घर-घर जाकर सबको खबर भी कर दी कि रात आठ बजे फलां गली में होलिका दहन है, आप सबको ज़रूर आना है। कॉलोनी में पहली बार होलिका दहन हो रहा था, सो सभी को उत्साह था। हम भी समय से पहले होली देखने पहुँच गए। भैया लोगों ने वाकई बहुत मेहनत की थी। होलिका अच्छे से सजी हुई थी। उसके इर्द-गिर्द सुंदर सजावट भी की गई थी...